Posts

बारिश में कीड़ों के पंख कहां से आ जाते है?

Image
ये सवाल कभी ना कभी आपने जरूर सोचा होगा पर जवाब  नहीं मिला होगा, मिला भी होगा तो एक कठिन भाषा में जिसे समझना मतलब रॉकेट साइंस समझना। तो आज हम देखते है की ऐसा क्यों होता है। देखिए बारिश में जों उड़ने वाले कीड़े देखते हो उनमें 2 तरह के ज्यादातर आपने देखे होंगे जो नीचे चित्र में दिए है अब आपको बता दू कि इसमें एक है पंखों वाली चींटी और एक है पंखों वाली दीमक।  अब होता ये है कि बारिश के मौसम और गर्मी के मौसम में इन किटो कि एक प्रजाति का विकाश होता है। प्रजनन काल शुरू होता है। आप इसे यू समझ ले कि इस मौसम में इन कीटो के पंख निकलना प्रारंभ हो जाते है पर याद रहे ये पंख सभी के नहीं निकलते खास प्रजातियों के है निकलते है। पर जब नर और मादा मिलते है तो मादा कई लाख अंडे देती ही जिससे इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। और देखते ही देखते ये काफी ज्यादा हो जाते है मादा अंडे देने के बाद अपने पंखों को त्याग देती है। या यू कहू कि उसके पंख टूट जाते है। अपने पंखों को पानी और नमी से बचने के लिए वे गर्मी और सूखे कि और जाते है जो उन्हें किसी लाइट के पास मिलती है ...

ध्वनि(sound)

Image
आज हम इसी पे बात करने वाले है, और इसी कि कुछ रोचक जानकारियों से रूबरू होंगे। ध्वनि:- ध्वनि एक प्रकार का कम्पन है जो ठोस, द्रव और गैस तीनों में संचरण कर सकता है वास्तव में कम्पन ही ध्वनि है। जब जब कम्पन होगा ध्वनि उत्पन्न होगी। ध्वनि को संचरण के लिए माध्यम कि आवश्यकता होती है। निर्वात में ध्वनि गमन नहीं करती। यानी कि अंतरिक्ष में आपको कुछ सुनाई नहीं देगा। ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है जिसकी चाल 332 मीटर प्रति सेकंड( वायु में) होती है ये चाल, दाब-ताप और माध्यम बदलने से बदल जाती है। मानव के कान केवल 20Hz से लेकर 20 kilo Hz के बीच की ध्वनि ही सुन सकते है। ध्वनि की गति सबसे ज्यादा ठोस में होती है उसके बाद द्रव में ओर अंत में वायु में।  इसका कारण है कणों में मध्य दूरी का कम ज्यादा होना। ठोस में कणों के मध्य दूरी कम होती है जिससे ध्वनि की गति तेजी से आगे बढ़ती जाती है जबकि द्रव और गैस में कणों कि गति दूर दूर होने के कारण ध्वनि की गति कम होती जाती है क्योंकि कम्पन को लगातार बनाए रखने के लिए कणों का पास पास होना जरूरी होता है। आप जब बोलते हो तब भी गले में कम्पन...

कारोना अफवाह के पीछे की सच्चाई।

Image
देखिए सबसे पहले तो आपको ये जानना जरूरी है कि कारोना वायरस जो अभी फेल रहा है, वास्तव में उसका नाम covid-19 (कोविड 19) है। जब ये शुरू में भारत में फैलना शुरू हुआ था तब एक अफवाह सुनी होगी कि इसके बारे में इस किताब में पहले से लिखा है उस किताब में इलाज भी है, ना जाने कई दावे और साथ में उस किताब की फोटो भी। तो वास्तव में किताब तो सही है पर जानकारी के अभाव में लोग इसे फैलाए जा रहे थे। दरअसल किताब में कोरॉना वायरस के बारे में लिखा है, ना कि कोविड़ 19 के बारे में। कोरॉना एक परिवार का नाम है इस परिवार में जो सदस्य है उन सभी वायरस के गुण मिलते जुलते है तो जब ये वायरस फेला तो इसके गुण भी इसी परिवार के साथ मिले ओर तब से इसे कोरॉना वायरस बोला गया बाद में इसका नामकरण कॉविड 19 के रूप में किया गया। और हां बता दू अभी तक कोरोना वायरस फैमिली(परिवार) के किसी भी सदस्य वायरस की दवाई नहीं बनी है। इन सभी वायरस का सिर्फ बचाव किया जा सकता है या अपनी इम्यून शक्ति बढ़ा कर इनसे बचा जा सकता है। भविष्य में इनकी दवाई बनने के आसार नजर आ रहे है। किसी और अफवाह जो ...

आसमान का रंग नीला और समुन्द्र का रंग भी नीला क्यों?

Image
जब आप ऊपर कि ओर देखते हो तो आसमान नीला और समुन्द्र कि ओर  देखते हो, तो वह भी नीला। आपने कभी सोचा कि आसमान नीला क्यों? और ये समुन्द्र भी नीला क्यों? आपने से कुछ कहेंगे कि आसमान का तो पता नहीं पर समुन्द्र नीला इस लिए क्योंकि आसमान का प्रतिबिंब दिखता है तो वह भी नीला दिखता है। पर ऐसा नहीं है समुन्द्र का नीला होना ओर आसमान का नीला होना इनके कारण तो एक है पर दोनों का कोई संबंध नहीं है यानी की आसमान के कारण समुन्द्र नीला नहीं दिखता। उसका ये अपना रंग होता है जैसे आसमान का होता है। तो देखते है ये केसे हुआ। देखिए कोई वस्तु आपको उस रंग कि इस लिए दिख रही है, क्योंकि उसने वह रंग अवशोषित ना करके परावर्तित कर दिया है। आसमान के साथ भी यही होता है सूर्य से आने वाले प्रकाश में सभी रंग मौजूद होते है आसमान में उपस्थित गैस ओर हलके कणों के कारण वे सभी रंगो का अवशोषण कर पाते है परन्तु नीला रंग का नहीं जिसे वह वापस भेज देते है जिसके कारण हमें आसमान नीला दिखाई देता है। यही कारण है समुन्द्र का,   समुन्द्र के पानी में भी यही कारण होता है, वह भी नीले रंग का...

भूखे रहने पर सिर में दर्द क्यों होता है?

Image
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप भूखे रहते हो तो आपके सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है, और ये दर्द धीरे धीरे बढ़ता जाता है। जब तक कि आप कुछ खा ना लो। तो आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? तो आइए इसे सरल भाषा में समझने का प्रयास करे। हमे ऊर्जा मुख्यत तीन चीजे से मिलती है जिसमें सबसे जल्दी कार्बोहाइड्रेट से, सबसे ज्यादा वसा से, व सबसे कम व सबसे बाद में प्रोटीन से। तो जब आप खाना खाते रहते हो, तो शरीर को कार्बोहाइड्रेट से लगातार ऊर्जा मिलती रहती है। ओर जब ये ऊर्जा खत्म हो जाती है, तब शरीर वसा से ऊर्जा बनाना शुरू कर देता है। जब आप भूखे होते हो, तब वसा से ही ऊर्जा बनाने का काम चल रहा होता है ओर उसी से शरीर के कार्य होते रहते है। परंतु जो हमारा सिर होता है "मस्तिष्क" वो वसा वाली ऊर्जा से काम नहीं करता है। उसे वहीं कार्बोहाइड्रेट वाली ऊर्जा चाहिए होती है। परंतु उसके अभाव के कारण ये वसा वाला ऊर्जा से काम नहीं कर पाता है जिससे आपका सिर दर्द होना शुरू हो जाता है। हां लगातार भूखा रहने से फिर "मस्तिष्क" इसका आदि हो जाता है ओर...

आद्रता(humidity) क्या होती है?

Image
आपने कभी ना कभी ये नाम जरूर सुना होगा। पर इसके बारे में ज्यादा सोचा नहीं होगा तो आज हम इसी के बारे में बात करते है। आद्रता यानी कि हवा में पानी(वाष्प) कि मात्रा। जी हां यही इसका मतलब होता है। गर्मियों में जब बाहर वर्षा हो रही होती है तब आपने ये महसूस किया होगा कि अंदर चिपचिपाहट बढ़ जाती है। आपका पसीना नहीं सूखता, गर्मी बढ़ जाती है। यही चीज आपने तब देखी होगी जब हवा बहना रुक जाती है। तब भी यही समस्या आपके सामने आ जाती है। तो आखिर ये होता क्यों है? दरअसल बारिश के कारण हवा में पानी की मात्रा इतनी बढ़ जाती है कि ये आपके शरीर से निकले पसीने को वाष्प में नहीं बदल पाता। क्यूकी तब हवा में पहले से ही काफी पानी मौजूद होता है। और जब हवा बहना रुक जाती है तब हवा ना होने के कारण ओर गर्मी के कारण पसीना तो निकालता है पर हवा के अभाव में सुख नहीं पता जिससे वो आपके शरीर पे ही बना रहता है। जिससे गर्मी ओर चिपचिपाहट बढ़ जाती है। गर्मियों के दिनों में बन्द कमरे में कूलर चलने पर भी यही समस्या आती है। कूलर ने निकालने वाले पानी के कारण कमरे के वातावरण में पानी की मात्रा ...

घरों में रोशनदान क्यों बनाए जाते है?

Image
क्या आपने कभी सोचा है कि खिड़कियां होने के बावजूद भी घरो के कमरे में दीवार के उपर रोशनदान क्यों बनाएं जाते है? अब आप कहेंगे कि रोशनी के लिए हां ये कहना भी सही है, पर कुछ हद तक क्योंकि रोशनी तो खिड़कियों से भी आती ही है। तो ये क्या काम करते है तो चलिए आज इनका मुख्य कारण आपको बताते है। घरों के कमरे में गेट या खिड़की के उपर एक छोटी सी जगह छोड़ी जाती है जिसे हम रोशनदान कहते है प्राय हम ये समझते है कि वो रोशनदान रोशनी के लिए बना है हां ये सही है पर इसका एक कारण और है ये रोशनदान कमरे की गर्म हवा को बाहर निकालने का काम करते है जिससे कमरा ठंडा बना रहता है। तो ये केसे काम करता है आइए देखते है आप सभी को पता होगा कि गर्म हवा उपर की ओर और ठंडी हवा नीचे कि और जाती है तो कमरे जो को गर्म हवा होती है वो कमरे में उपर कि ओर होती है और ऊपर रोशनदान होने के कारण वह उसमे से होकर बाहर निकाल जाती है और खिड़की नीचे होती है जिससे ठंडी हवा अंदर आती है।......ये क्रम चलता रहता है ठंडी हवा का खिड़की से अंदर आना ओर रोशनदान से गर्म हवा का बाहर जाना। इसका पता आप घर पे लगा सकते ह...

पसीना(sweat) क्यों निकलता है?

Image
शरीर से पसीना(sweat) क्यों निकलता है? क्या आपने कभी सोचा कि गर्मी लगते ही पसीना(sweat) आना क्यों शुरू हो जाता है, और आखिर ये आता क्यों है। तो आज हम इसी से बात करेंगे। पिछले ब्लॉक "परफ्यूम हाथ पे ठंडा क्यों लगता है?" को भी पढ़कर आप इस चीज का पता लगा सकते है। https://logicserver.blogspot.com/2020/06/blog-post_23.html जब गर्मी बढ़ती है और हमारे आस पास का तापमान हमारे शरीर के तापमान से उपर चला जाता है, तो शरीर अपने आप को ठंडा बनाने का कार्य चालू कर देता है। और ये काम करती है हमारी त्वचा के नीचे जाल कि तरह फैली हुए स्वेद ग्रंथि । ये ग्रंथि शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने का काम करती है। शरीर ठंडा बना रहे इस लिए शरीर त्वचा रंद्रो के माध्यम से पानी बाहर निकालता है। पानी त्वचा के अंदर की गर्मी व बाहर निकलकर त्वचा के उपर की गर्मी को सोख के वाष्प में बदलता रहता है, पसीना  गर्मी को खुद में अवशोषित करके वाष्प में बदलता रहता है और शरीर का तापमान बढ़ने नहीं देता। जितनी ज्यादा गर्मी उतना अधिक पसीना, ताकि ठंडा करके की प्रक्रिया जल्दी जल्दी हो।  पसीने के...

मात्रको का निर्धारण

Image
क्या आपने कभी सोचा है कि ये मात्रकों का निर्धारण किसने किया? 1 मीटर कितना लंबा होगा ये फिक्स है किसने फिक्स किया? 1 सेकंड कितना समय होगा ये किसने फिक्स किया? 1 किलोग्राम कितना भारी होगा ये किसने फिक्स किया? ये सभी सवाल कभी ना कभी आपके दिमाग में जरूर आए होंगे। और आपने इन्हे छोड़ दिया होगा। पर आज हम इन्हीं पे बात करेंगे कि इन मूल मात्रकों को फिक्स किसने किया जिसका उपयोग आज पूरी दुनिया कर रही है। इन सभी मात्रकों का निर्धारण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी यू. एस. द्वारा किया जाता है। 1 मीटर -       1 मानक मीटर वह लम्बाई है जो पेरिस में रखी हुई प्लेटिनम-इरेडियम (90% प्लेटिनम तथा 10% इरेडियम) की छड़ पर अंकित दो चिन्हों के बीच की दूरी है। छड़ का ताप 0°C हो। परंतु अब ये मानक बदल दिया गया है, क्योंकि ये मानक नष्ट हो सकता है। इस लिए 1983 में नए रूप में परिभाषित किया गया 1 मीटर वह दूरी है जो प्रकाश द्वारा 1 सेकंड के 29,97,92,458 वें भाग में निर्वात में तय की जाती है। अर्थात 1/29,97,92,458 सेकेंड में प्रकाश द्वारा चली गई दूरी ...

पृथ्वी कैसे घूमती है?

Image
आप सभी ये तो जानते होंगे की हमारा ग्रह पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगता है, तथा खुद भी अपने अक्ष पर घूमता है। पर कभी आपने ये सोचा कि ये घूमता केसे है?वामावर्त(anticlockwise) या दक्षिणावर्त(Clockwise) पृथ्वी की दो गतियां हैं: घूर्णन और परिक्रमण घूर्णन (Rotation) दैनिक गति परिक्रमण (Revolution) वार्षिक गति पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूरब की ओर घूमती रहती है जिसे पृथ्वी की दैनिक गति कहते हैं। अब इसका पता हम पृथ्वी पे रहकर लगा सकते है।... जब हम किसी बस में सफर कर रहे होते है, तो हमे सड़क किनारे के पेड़ पीछे जाते हुए दिखते है। हम आगे चल रहे होते है, और जो पेड़ स्थिर है, पीछे जाता हुआ नजर आता है। अब यही नियम सूर्य के साथ लगाते है। हम जानते है सूर्य स्थिर है, और पृथ्वी घूम रही है, जिस पर हम रहते है। परन्तु हमे सूर्य पूरब से पश्चिम जाता हुए दिखता है। तो असलियत में सूर्य रुका है, और हम पश्चिम से पूरब की ओर जा रहे है। पृथ्वी  परिक्रमण गति  भी पश्चिम से पूरब की ओर करती है। जिसे पृथ्वी की वार्षिक गति कहते हैं। इसका पता आप सामान्य रूप से पृथ्वी से नहीं लगा...

कैमरा(camera) केसे काम करता है?

Image
वैसे तो कैमरा बनने की यात्रा काफी लंबी है,परन्तु निरंतर विकास ने आज हमें अत्याधुनिक कैमरा हाथो में दे दिए है। तो आज हम बात करेंगे कि आखिर ये कैमरा काम केसे करता है?........ आजकल आधुनिक कैमरे की बनावट बहुत जटिल तकनीक पर आधारित होती है, और आधुनिक कैमरे अनेक तरह के सुविधाजनक फीचर्स से लैस होते हैं। परन्तु आज भी  कैमरे के अंदर तस्वीर बनने की प्रक्रिया फीजिक्स के बहुत ही सरल नियमों पर आधारित है। आज भी कैमरा का मूल सिद्धांत हमारी आंखों की तरह ही है। स्कूल के दिनों में विज्ञान की किताब में आपने लैंस(lance) वाला पाठ जरूर पड़ा होगा। बस वही तो है .... आपने खुद आजमाया भी होगा। उत्तल लेंस (convex lens) के सामने रखे ऑब्जेक्ट का लेंस की दूसरी ओर किस तरह उल्टी और वास्तविक प्रतिबिंब बनती थी जिसे पर्दे पर प्राप्त करना संभव था! तो आइए इसे इसे समझते है...... मान ले कैमरा एक बंद बॉक्स है, जिसकी एक दीवार में एक छेद है, छेद पर एक उत्तल (कन्वेक्स) लैंस लगा है। अब जब  बॉक्स के बाहर इस छेद के सामने की वस्तु  से रिफ्लेक्ट होकर प्रकाश की किरणें जब लैंस से ...

हथेली पर परफ्यूम ठंडा क्यों लगता है?

Image
तो आज हम बात करेंगे कि जब परफ्यूम को हथेली पर डालते है तो वो ठंडा लगता है, अब आप कहेंगे कि वो अंदर से ठंडा होता है इस लिए, पर ऐसा नहीं है ये इसे काम करता है:-- ये समझे इससे पहले ये जान ले कि तरल प्रदार्थों जैसे पानी , अल्कोहल , पेट्रोल आदि में ताप देने पर ये हवा में गैस रूप में उड़ जाते है। अब जब आप हथेली पर परफ्यूम डालते होतो परफ्यूम में कई रासायनिक तरल पदार्थ होते है जैसे अल्कोहल । हथेली पर डालते ही अल्कोहल गैस रूप में आने का प्रयास करेगा इसके लिए वो आपकी हाथ कि गर्मी को लेके खुद गैस में बदल के हवा में उड़ जाएगा ओर आपकी हथेली कि गर्मी निकाल जाने से आपको वहा ठंडा महसूस होगा। यही कारण है कि, किसी सतह को ठंडा करने के लिए पानी डाला जाता है। पानी सतह कि गर्मी को खुद में अवशोषित करके वाष्प में बदल जाता है ओर गर्मी निकल जाने के कारण आपकी सतह ठंडी हो जाती है। गर्मी में गर्म खेत में हल्की बारिश होने पर पानी का वाष्प में बदल जाना ओर खेत का ठंडा होना। मन का कोई सवाल या विचार आप कमेंट कर सकते है।manish sharma logicserver.blogspot.com

रंग(colour) क्यों दिखाई देते है?

Image
कभी आपने सोचा है कि आसमान हमे नीला ही क्यों दिखता है,पेड़ हरे क्यों,टमाटर लाल क्यों,  शायद नहीं क्योंकि हमें ये लगता है कि ये उनका रंग है, इस लिए वो इसी रंग में दिखाई देते है। हां ये कहना सही है पर आज हम जानेंगे कि जिस रंग की वह वस्तु है, उसी रंग कि वो क्यों है। आपको जानकर हैरानी होगी की जो वस्तु हमें जिस रंग की दिख रही है वास्तव में वो उसी रंग को परावर्तित कर रही है। इसे इसे समझने का प्रयास करते है:- हम जानते है  सफेद रोशनी में 7 रंग होते है अब जब सफेद रोशनी जब किसी वस्तु पर पड़ती है तो वस्तु द्वारा उस प्रकाश का अवशोषण होता है जिस रंग को वो वस्तु अवशोषित नहीं कर पाती वह रंग परावर्तित होके हमारी आंखों पर पड़ता है जिससे हमें हो वस्तु उस रंग कि दिखाई देती है जिस रंग को उस वस्तु ने परावर्तित कर दिए था। अब आपको समझ आ गया होगी की आपकी लाल शर्ट वास्तव में सभी रंगों का अवशोषण एवं लाल रंग को परावर्तित कर रही है।  मन का कोई सवाल या विचार आप कमेंट कर सकते है। manish sharma logicserver.blogspot.com

हवा(air) क्यों बहती है?

Image
ये सवाल कभी ना कभी दिमाग में आता जरूर है, कि हवा क्यों बहती है? चलो बहे पर कभी कभी रुक भी जाती है, और जब रुकती है तो पसीना पसीना कर देती है। तो ये हवा का बहना रुकना तेज बहना और आंधी तूफानों में बदल जाना आखिर होता केसे है? आज हम इसी पे बात करेंगे:-- पृथ्वी के चारों ओर रहनेवाली हवा हमेशा चलती रहती है। गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी हवा नीचे आती है। जैसे ही गर्म हवा ऊपर उठती है, उसकी खाली की हुई जगह को भरने के लिए ठंडी हवा नीचे आती है। सूर्य की गरमी से धरती और समुद्र के अलग अलग हिस्से अलग अलग समय पर गरम होते हैं। और इस तरह धरती पर हवा का बहना जारी रहता है। आप इसी ऐसे समझ सकते है कि सूर्य का ताप धरती के अलग अलग हिस्सों पे अलग अलग पड़ता है और अन्य भौतिक कारणों के कारण भी अलग अलग स्थानों पर एक ही समय में अलग अलग तापमान रहता है। अब अलग अलग तापमानों के कारण जिस जगह कम तापमान होगा वहा कि वायु ज्यादा तापमान वाले स्थान पर जाएगी। जब तक वो जाएगी तब तक कहीं और इसी स्थिति बन जाएगी ये क्रम ऐसे चलता रहता है और हवा बहती रहती है तभी तो जितना ज्यादा सन्नाटा उतना बड़ा तूफ़ान ह...