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Showing posts from July, 2020

बारिश में कीड़ों के पंख कहां से आ जाते है?

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ये सवाल कभी ना कभी आपने जरूर सोचा होगा पर जवाब  नहीं मिला होगा, मिला भी होगा तो एक कठिन भाषा में जिसे समझना मतलब रॉकेट साइंस समझना। तो आज हम देखते है की ऐसा क्यों होता है। देखिए बारिश में जों उड़ने वाले कीड़े देखते हो उनमें 2 तरह के ज्यादातर आपने देखे होंगे जो नीचे चित्र में दिए है अब आपको बता दू कि इसमें एक है पंखों वाली चींटी और एक है पंखों वाली दीमक।  अब होता ये है कि बारिश के मौसम और गर्मी के मौसम में इन किटो कि एक प्रजाति का विकाश होता है। प्रजनन काल शुरू होता है। आप इसे यू समझ ले कि इस मौसम में इन कीटो के पंख निकलना प्रारंभ हो जाते है पर याद रहे ये पंख सभी के नहीं निकलते खास प्रजातियों के है निकलते है। पर जब नर और मादा मिलते है तो मादा कई लाख अंडे देती ही जिससे इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। और देखते ही देखते ये काफी ज्यादा हो जाते है मादा अंडे देने के बाद अपने पंखों को त्याग देती है। या यू कहू कि उसके पंख टूट जाते है। अपने पंखों को पानी और नमी से बचने के लिए वे गर्मी और सूखे कि और जाते है जो उन्हें किसी लाइट के पास मिलती है ...

ध्वनि(sound)

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आज हम इसी पे बात करने वाले है, और इसी कि कुछ रोचक जानकारियों से रूबरू होंगे। ध्वनि:- ध्वनि एक प्रकार का कम्पन है जो ठोस, द्रव और गैस तीनों में संचरण कर सकता है वास्तव में कम्पन ही ध्वनि है। जब जब कम्पन होगा ध्वनि उत्पन्न होगी। ध्वनि को संचरण के लिए माध्यम कि आवश्यकता होती है। निर्वात में ध्वनि गमन नहीं करती। यानी कि अंतरिक्ष में आपको कुछ सुनाई नहीं देगा। ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है जिसकी चाल 332 मीटर प्रति सेकंड( वायु में) होती है ये चाल, दाब-ताप और माध्यम बदलने से बदल जाती है। मानव के कान केवल 20Hz से लेकर 20 kilo Hz के बीच की ध्वनि ही सुन सकते है। ध्वनि की गति सबसे ज्यादा ठोस में होती है उसके बाद द्रव में ओर अंत में वायु में।  इसका कारण है कणों में मध्य दूरी का कम ज्यादा होना। ठोस में कणों के मध्य दूरी कम होती है जिससे ध्वनि की गति तेजी से आगे बढ़ती जाती है जबकि द्रव और गैस में कणों कि गति दूर दूर होने के कारण ध्वनि की गति कम होती जाती है क्योंकि कम्पन को लगातार बनाए रखने के लिए कणों का पास पास होना जरूरी होता है। आप जब बोलते हो तब भी गले में कम्पन...

कारोना अफवाह के पीछे की सच्चाई।

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देखिए सबसे पहले तो आपको ये जानना जरूरी है कि कारोना वायरस जो अभी फेल रहा है, वास्तव में उसका नाम covid-19 (कोविड 19) है। जब ये शुरू में भारत में फैलना शुरू हुआ था तब एक अफवाह सुनी होगी कि इसके बारे में इस किताब में पहले से लिखा है उस किताब में इलाज भी है, ना जाने कई दावे और साथ में उस किताब की फोटो भी। तो वास्तव में किताब तो सही है पर जानकारी के अभाव में लोग इसे फैलाए जा रहे थे। दरअसल किताब में कोरॉना वायरस के बारे में लिखा है, ना कि कोविड़ 19 के बारे में। कोरॉना एक परिवार का नाम है इस परिवार में जो सदस्य है उन सभी वायरस के गुण मिलते जुलते है तो जब ये वायरस फेला तो इसके गुण भी इसी परिवार के साथ मिले ओर तब से इसे कोरॉना वायरस बोला गया बाद में इसका नामकरण कॉविड 19 के रूप में किया गया। और हां बता दू अभी तक कोरोना वायरस फैमिली(परिवार) के किसी भी सदस्य वायरस की दवाई नहीं बनी है। इन सभी वायरस का सिर्फ बचाव किया जा सकता है या अपनी इम्यून शक्ति बढ़ा कर इनसे बचा जा सकता है। भविष्य में इनकी दवाई बनने के आसार नजर आ रहे है। किसी और अफवाह जो ...

आसमान का रंग नीला और समुन्द्र का रंग भी नीला क्यों?

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जब आप ऊपर कि ओर देखते हो तो आसमान नीला और समुन्द्र कि ओर  देखते हो, तो वह भी नीला। आपने कभी सोचा कि आसमान नीला क्यों? और ये समुन्द्र भी नीला क्यों? आपने से कुछ कहेंगे कि आसमान का तो पता नहीं पर समुन्द्र नीला इस लिए क्योंकि आसमान का प्रतिबिंब दिखता है तो वह भी नीला दिखता है। पर ऐसा नहीं है समुन्द्र का नीला होना ओर आसमान का नीला होना इनके कारण तो एक है पर दोनों का कोई संबंध नहीं है यानी की आसमान के कारण समुन्द्र नीला नहीं दिखता। उसका ये अपना रंग होता है जैसे आसमान का होता है। तो देखते है ये केसे हुआ। देखिए कोई वस्तु आपको उस रंग कि इस लिए दिख रही है, क्योंकि उसने वह रंग अवशोषित ना करके परावर्तित कर दिया है। आसमान के साथ भी यही होता है सूर्य से आने वाले प्रकाश में सभी रंग मौजूद होते है आसमान में उपस्थित गैस ओर हलके कणों के कारण वे सभी रंगो का अवशोषण कर पाते है परन्तु नीला रंग का नहीं जिसे वह वापस भेज देते है जिसके कारण हमें आसमान नीला दिखाई देता है। यही कारण है समुन्द्र का,   समुन्द्र के पानी में भी यही कारण होता है, वह भी नीले रंग का...

भूखे रहने पर सिर में दर्द क्यों होता है?

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क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप भूखे रहते हो तो आपके सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है, और ये दर्द धीरे धीरे बढ़ता जाता है। जब तक कि आप कुछ खा ना लो। तो आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? तो आइए इसे सरल भाषा में समझने का प्रयास करे। हमे ऊर्जा मुख्यत तीन चीजे से मिलती है जिसमें सबसे जल्दी कार्बोहाइड्रेट से, सबसे ज्यादा वसा से, व सबसे कम व सबसे बाद में प्रोटीन से। तो जब आप खाना खाते रहते हो, तो शरीर को कार्बोहाइड्रेट से लगातार ऊर्जा मिलती रहती है। ओर जब ये ऊर्जा खत्म हो जाती है, तब शरीर वसा से ऊर्जा बनाना शुरू कर देता है। जब आप भूखे होते हो, तब वसा से ही ऊर्जा बनाने का काम चल रहा होता है ओर उसी से शरीर के कार्य होते रहते है। परंतु जो हमारा सिर होता है "मस्तिष्क" वो वसा वाली ऊर्जा से काम नहीं करता है। उसे वहीं कार्बोहाइड्रेट वाली ऊर्जा चाहिए होती है। परंतु उसके अभाव के कारण ये वसा वाला ऊर्जा से काम नहीं कर पाता है जिससे आपका सिर दर्द होना शुरू हो जाता है। हां लगातार भूखा रहने से फिर "मस्तिष्क" इसका आदि हो जाता है ओर...